हंस पंच महापुरुष राजयोग
आज हम यहां पर हंस पंच महापुरुष राजयोग की चर्चा करेंगे | जन्म कुंडली में जब लग्न से या चंद्रमा से गुरु धनु राशि में या मीन राशि में या अपनी उच्च की कर्क राशि में, लग्न में या चतुर्थ à¤ाव में या सप्तम à¤ाव में या दशम à¤ाव में स्थित होता है तो यह हंस योग नामक पंच महापुरुष राजयोग का निर्माण करता है |
लग्न में पंच महापुरुष राजयोग बहुत ज्यादा शक्तिशाली होता है | लग्न का गुरु सà¤ी लाख दोषों को à¤ी दूर करता है, चतुर्थ स्थान में सुख स्थान होता है और यह हंस पंच महापुरुष योग सà¤ी प्रकार के सुख प्रदान करता है, सांसारिक सुख से लेकर समाधि सूक्त का सुख सतत à¤ाव के पंच महापुरुष राजयोग से प्राप्त हो सकता है, सप्तम à¤ाव में पंच हंस महापुरुष राजयोग योग बनता है तो विवाह के बाद बहुत ज्यादा उन्नति होती है, पत्नी के माध्यम से धन प्राप्ति होती है वही दशम à¤ाव में जब गुरु हंस पंच महापुरुष राजयोग बनाते हैं तो जातक के काम उच्च कोटि के होते हैं, जातक योगी à¤ी हो सकता है, उच्च पद पर प्रतिष्ठित होता है या कोई अपना व्यवसाय करता है |
दशम à¤ाव का पंच महापुरुष राजयोग पिता को à¤ी उत्तम फल प्रदान करता है
आचार्य चेतन गजकेसरी
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