कार्य होंगे साकार , करें पितरों का सत्कार
नमस्ते ! मैं चेतन इंजिनियर आपको एक महत्वपूर्ण जानकारी देने जा रहा हूँ कुंडली में पितृदोष अधिक प्राप्त होता है पितृ दोष का सीधा सा सिद्धांत है- "करें कोई भरे" कोई अर्थात आपके पूर्वजों द्वारा किए गए गलत कार्य का परिणाम भुगतना पड़ता है इसे ही पितृ दोष की संज्ञा दी गई है, इसके फल स्वरुप विभिन्न प्रकार की समस्या उत्पन्न होती हैं जिसका जातक को ना कुछ करने पर भी दुष्परिणाम भुगतना पड़ता है |
पितृदोष सात पीढ़ी में मान्य है चार पीढ़ी मां की, तीन पीढ़ी पिता की पितृ दोष समाप्ति के लिए पिंडदान का विधान है पिंडदान के लिए चार स्थान बताए गए हैं प्रयाग,हरिद्वार,उज्जैन और नासिक स्थान पर विधिवत रूप से मेरे अनुसार पूजन करवाने पर पितरों को लाभ मिलता है उज्जैन और काशी मोक्ष भूमि है तो यहां पर पिंडदान करने पर लाभ मिलता है हरिद्वार में गंगा किनारे या बद्रीनाथ में पिंडदान करने पर पितरों को शांति प्राप्त होती है
कई बार ज्योतिष शास्त्र में कुंडली से उपाय नहीं होने पर, पितरों के उपाय करने पर जबरदस्त प्रोग्रेस होती है क्योंकि पितृ या पूर्वज है जो आपकी मदद कर सकते हैं और उनके आशीर्वाद से आप आगे जा सकते हैं श्राद्ध पक्ष में पितरों के लिए श्राध्द करना उत्तम कार्य है, इससे पितरों को भोग मिलता है और पित्र शांति होती है |
क्या आप भी जानना चाहते है कि आपकी कुंडली में पित्रदोष है या नहीं, तो वह जानने के लिए आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं |
आचार्य चेतन गजकेसरी
Contact No. 9926260062
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