स्वास्थ्य
आज हम यहां पर स्वास्थ्य के बारे में चर्चा करेंगे , यह वह अनमोल चीज है जो हर कोई चाहता है कि उसके पास हो |
कुंडली में स्वास्थ्य को सबसे महत्वपूर्ण स्थान दिया गया है जो की लग्न बोला गया है और उसका स्वामी लग्नेश होता है | लग्न यदि पाप प्रभाव में है और लग्नेश पाप प्रभाव में है तो स्वास्थ्य खराब रहेगा |
अब महत्वपूर्ण बात यह है कि यदि लग्नेश यानी स्वास्थ्य का स्वामी छठे स्थान आठवें स्थान या 12वे स्थान में है तो स्वास्थ्य में कोई ना कोई समस्या रहेगी | स्वास्थ्य का मालिक लग्नेश यदि लग्न में द्वितीय भाव में, चतुर्थ भाव में, पंचम भाव में, सप्तम भाव में, नवम भाव में, दशम भाव में या एक द्वादश भाव में हो और किसी पाप प्रभाव में ना हो तो जातक का स्वास्थ्य उत्तम रहता है। लग्नेश अर्थात शरीर का स्वामी जैसा होगा उसकी स्थिति वैसी ही होगी |
उदाहरण के तौर पर यदि लग्नेश सूर्य है तो व्यक्ति को गर्मी अधिक लगेगी और उसका गला भी सुखेगा उसमें ऊर्जा का बहुत ज्यादा संचार होता है वह बहुत ज्यादा ऊर्जावान रहेगा |
यदि किसी भी व्यक्ति का सुबह का जन्म है तो उसे सुबह के समय अच्छा लगता है, जिसका जन्म दोपहर में है, उसका मूड दोपहर के बाद अच्छा होता है और जिसका जन्म समय रात का होता है, उसको रात होने पर बहुत अच्छा लगता है |
जन्म कुंडली से उत्तम स्वास्थ्य के लिए उपाय किए जाते हैं जिसके लिए आप आचार्य चेतन गजकेसरी से संपर्क कर सकते हैं
धन्यवाद
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